वकीलों ने कानपुर सीएमओ पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। वकीलों का आरोप है कि सीएमओ की फर्जी रिपोर्ट पर कानपुर कचहरी पिछले 10 दिनों से कंटेनमेंट जोन में तब्दील है। जिसकी वहज से लाखो लोग न्यायिक प्रक्रिया से वंचित है।
कचहरी से जुडे़ अधिवक्ता, टाइपिस्ट, स्टांप वेंडर, मुंशी समेत दुकानदारों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। अधिवक्ताओं ने सीएमओ के खिलाफ कानपुर कोतवाली में तहरीर दी है, और मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की है।
सीएमओ अनिल मिश्रा ने शासन को रिपोर्ट भेजी थी कि कचहरी परिसर में जगदीश चंद्रा नाम का व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इसके बाद बीते 22 जुलाई 2020 को कचहरी परिसर को कंटेनमेंट जोन में तब्दील कर दिया गया था। पूरी कचहरी को सील कर दिया गया था। वहीं अधिवक्ता समूह का कहना है कि हमने जांच की है कि जगदीश चंद्रा नाम का कोई भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव नहीं पाया गया, सीएमओ ने शासन को फर्जी और भ्रामक रिपोर्ट भेजी थी।
सीएमओ के मुकदमा दर्ज कराने कोतवाली पहुंचे अधिवक्ता:
पूर्व महामंत्री बार एसोसिएश नरेश चंद्र त्रिपाठी का कहना है कि हम सीएमओ कानपुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए कानपुर कोतवाली आए है। 22 जुलाई को कानपुर के सीएमओ ने गलत, भ्रामक, फर्जी रिपोर्ट शासन को भेजी कि कानपुर कचहरी परिसर में जगदीश चंद्रा नाम का कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इसके आधार पर शासन द्वारा पूरी कचहरी और कचहरी के आसपास कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया।
फर्जी रिपोर्ट से करोड़ो का नुकसान:
नरेश चंद्र त्रिपाठी के मुताबिक कंटेनमेंट जोन घोषित होने के बाद पूरी कचहरी को बंद कर दिया गया। न्यायिक कार्य बाधित हो गया, जिससे हमारे वकीलों, टाइपिस्टों, स्टांप वेंडरों को और कचहरी से जुड़े दुकानदारों को करोड़ो रुपयों का नुकसान हुआ है।
न्याय से वंचित रहे लाखो लोग:
न्यायिक कार्य बाधिक रहा, न्यायिक अधिकारी घर में कैद रहे। लाखो वादकारियों को इसका नुकसान उठाना पड़ा और न्याय से वंचित हो गए। ऐसी स्थिति में मैने कोतवाली निरीक्षक को तहरीर दी है। ऐसी भ्रष्ट और फर्जी रिपोर्ट देने वाले सीएमओ के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई कर जेल भेजे।
जांच में कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं पाया गया:
हम लोगों द्वारा जांच की गई और चौकी इंचार्ज कचहरी ने बताया कि जगदीश चंद्रा नाम का कोई भी व्यक्ति पॉजिटिव नहीं पाया गया है। इसके साथ ही हम लोगों ने भी इस संबंध में जांच की और यह पाया कि इस नाम का कोई भी व्यक्ति पॉजिटिव नहीं पाया गया है। इससे ये साबित होता है कि सीएमओ ने जानबूझ कर पूरे कानपुर को न्याय से वंचित करने के लिए और कचहरी से जुड़े लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए फर्जी रिपोर्ट दी गई है।
Source- NBT
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