जिन अधिवक्ताओं का विवरण 30 सितंबर 2020, तक बार काउंसिल ऑफ इंडिया नहीं पहुंचेगा, उन अधिवक्ताओं की प्रैक्टिस पर लगेगी पाबंदी । बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सभी बार एसोसिएशन व अधिवक्ता संघों के अध्यक्ष और महासचिवों को उनके संघ से जुड़े वकीलों का ब्योरा 30 सितंबर, 2020 मांगा है।
24 जुलाई, 2020 को देश के सभी बार संघों के अध्यक्षों और सचिवों को ईमेल के माध्यम से 15 दिनों के भीतर उनके बार संघों में पंजीकृत अधिवक्ताओं का विवरण सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति द्वारा तय किए गए प्रारूप के अनुसार प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था।
यूपी बार कौंसिल ने भी प्रदेश के सभी बार एसोसिएशन व अधिवक्ता संघों के अध्यक्ष और महासचिवों को पत्र भेजकर उनके संघ से जुड़े वकीलों का ब्योरा मांगा है। बार कौंसिल के अध्यक्ष जानकी शरण पांडेय के अनुसार वकीलों के बारे में व्यक्तिगत जानकारी बार काउंसिल ऑफ इंडिया को ई-मेल से भेजनी होगी। इसका उपयोग वकीलों को वर्चुअल कोर्ट में बहस के लिए प्रशिक्षित करने में किया जाएगा।
यूपी बार कौंसिल के अध्यक्ष जानकी शरण पांडेय ने बताया कि यह ब्योरा बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सभी राज्य बार कौंसिल से मांगा है। इस क्रम में उन्होंने सभी बार एसोसिएशन व अधिवक्ता संघों को पत्र भेजकर वकीलों के बारे में व्यक्तिगत जानकारी मांगी है। अधिवक्ता संघों को सूचना एकत्र बार काउंसिल ऑफ इंडिया को ई-मेल पर 30 सितंबर 2020 तक भेजने का निर्देश दिया है।
जो अधिवक्ता किसी संघ के सदस्य नहीं हैं, वे अपना विवरण यूपी बार कौंसिल को ई-मेल से भेज सकते हैं। जिन अधिवक्ताओं का विवरण समय से बार काउंसिल ऑफ इंडिया नहीं पहुंचेगा, उनके बारे में माना जाएगा कि वे अधिवक्ता के रूप में व्यवसायरत नहीं हैं। प्रशिक्षण का कार्य केंद्र सरकार और सर्वोच्च न्यायालय संयुक्त रूप से कराएंगे।
Sources - Live Hindustan
1 Comments
Sir mai shanti prakash. Srivastava ad. Member of u.p .bar council allahabad reg no. 4559/96 regular practice at barabanki u.p connected jila bar barabanki but without cpu no. So i can't participate on jila bar election so please kindly regester my cpu no. Thanku by shant prakash srivay ad. Lawyer since 1996
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