पिछले कुछ सालों में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में काफी तेजी है। 2016 में नोटबंदी के बाद से ही सरकार डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने की लगातार कोशिश कर रही है। खासकर कोरोना के समय लोगों से यह अपील की जा रही है कि वे कैश का कम से कम इस्तेमाल करें और डिजिटल ट्रांजैक्शन पर जोर दें। इस अपील का असर भी दिखा है।
ऑनलाइन बैंकिंग आजकल काफी आसान हो गया है। ऑनलाइन बैंकिंग के कारण बैंक की तमाम सुविधाएं आपके मोबाइल में उपलब्ध हैं। हर बैंक का अपना-अपना मोबाइल ऐप है जो कस्टमर्स को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। आप दुनिया के किसी कोने से अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर मिनटों में एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।
अगर आप नेट बैंकिंग के जरिए एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर रहे हैं तो यह जरूरी है कि सही-सही अकाउंट नंबर डाले जाएं। पैसे ट्रांसफर करने से पहले अकाउंट नंबर को 2-3 बार जरूर जांच कर लें। अकाउंट नंबर के अलावा IFSC (Indian Financial System Code) कोड भी डालना पड़ता है। हर बैंक ब्रांच का अपना अलग IFSC कोड होता है।
अगर आप एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करते हैं तो पहले उसे बेनिफिशियरी के रूप में ऐड करना होता है। यह काम बिना बेनिफिशियरी के भी किया जा सकता है। नेट बैंकिंग के जरिए मनी ट्रांसफर NEFT, RTGS और IMPS की मदद से किया जाता है। बेनिफिशियरी ऐड करने के लिए बेनिफिशियरी का नाम, अकाउंट नंबर और IFSC कोड़ जरूरी होता है।
ऐसे में IFSC की महत्ता को समझना जरूरी है। जैसा कि पहले बताया गया है, हर बैंक के ब्रांच का अपना अलग-अलग IFSC कोड हाता है। आप जिसके अकाउंट में पैसे डालते हैं, उसमें अगर गलत कोड डाल दिया (जैसे SBI गाजियाबाद की जगह SBI नोएडा का कोड डाल दिया) तो ट्रांजैक्शन हो जाएगा। अगर कोड के अक्षर में हेरफेर हो गया तो भी ट्रांजैक्शन होने की गुंजाइश है, लेकिन शर्त ये है कि अकाउंट नंबर और नाम ठीक हो। मुख्य रूप से बैंक अकाउंट नंबर देखते हैं।
अगर IFSC कोड में ब्लंडर हो जाए, मतलब SBI गाजियाबाद की जगह PNB गाजियाबाद का कोड डाल दिया जाता है तो संभव है कि आपका पैसा गलत अकाउंट में ट्रांसफर हो जाए। हालांकि यह तभी संभव है जब PNB में किसी भी कस्टमर का वही अकाउंट नंबर हो जो आपने SBI का डाला है। हालांकि इसकी संभावना कम होती है, लेकिन ऐसी संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। अगर इस तरह की मैचिंग नहीं होती है तो ट्रांसफर कैंसल हो जाएगा।
Sources- NBT
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